प्रयत्नशील मनुष्य के लिए आशा सदैव जीवित रहती है।
सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के , लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है , ना ही कहीं और I Shrimad Bhagwad Gita